कठिन समय में समर्थन के लिए पद्मश्री पुरस्कार विजेता सुपर 30 के आनंद कुमार ने लोगों को धन्यवाद दिया

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

नालंदा : बिहार के तीन पद्मश्री पुरस्कार विजेताओं में से एक आनंद कुमार ने लोगों को कठिन समय में समर्थन के लिए धन्यवाद दिया है। आनंद कुमार को साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में इस पुरस्कार के लिए चुना गया है। वहीं राज्य के दो अन्य – सुभद्रा देवी और कपिल देव प्रसाद- को कला के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए इस सम्मान के लिए चुना गया है।

सुपर 30 की स्थापना 2002 में गणित के शिक्षक कुमार ने की थी। यह कार्यक्रम हर वर्ष समाज के आर्थिक रूप से वंचित वर्ग से 30 प्रतिभाशाली उम्मीदवारों का चयन करता है और उन्हें भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) की प्रवेश परीक्षा जेईई-मेन और जेईई-एडवांस्ड के लिए प्रशिक्षित करता है।

संस्थापक कुमार ने कहा, ‘‘मैं इस सम्मान से अभिभूत हूं। मैं केंद्र और उन लोगों का आभारी हूं, जिन्होंने कठिन समय में हमेशा मेरा साथ दिया।” उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार मिलने के बाद उनकी जिम्मेदारी बढ़ गई है और उन्हें ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से सुपर 30 का पूरे देश में विस्तार करना है।

नालंदा निवासी 69 वर्षीय कपिल देव प्रसाद को भी रेशम और सूती साड़ियों पर 52 छोटे फूलों को तराशने की सदियों पुरानी कला ‘बावन बूटी’ साड़ी परंपरा को लोकप्रिय बनाने के लिए इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए चुना गया है। उन्होंने प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए सरकार और अपने शुभचिंतकों को धन्यवाद दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘मेरे पास शब्द नहीं हैं.. यह पुरस्कार ‘बावन बूटी’ साड़ी परंपरा से जुड़े सभी कारीगरों और नालंदा जिले के मेरे बसवां बीघा गांव के सभी निवासियों को समर्पित है।” प्रसाद ने कहा कि वह इस पारंपरिक कला के लिए भौगोलिक संकेत (जीआई) टैग हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। नेपुरा और बसवां बीघा के गांवों के 100 से अधिक परिवारों की महिलाएं आजीविका के लिए सदियों पुराने इस शिल्प पर निर्भर हैं।
(जी.एन.एस)

India Edge News Desk

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